हर साल लाखों छात्र CUET UG की परीक्षा देते हैं, लेकिन कम स्कोर आने के बाद कई छात्रों को चिंता सताने लगती है। उन्हें लगता है कि उनका सपना टूट गया है, लेकिन ऐसा नहीं है। अगर आपके CUET UG 2025 में कम अंक आए हैं, तो भी आपके पास कई यूनिवर्सिटी में दाखिले के अच्छे मौके हैं। कम नंबर के बावजूद भी आप अपने पसंदीदा कोर्स में एडमिशन पा सकते हैं, बस आपको सही जानकारी और स्ट्रेटेजी की ज़रूरत है।
CUET UG परीक्षा के बाद हर कॉलेज और यूनिवर्सिटी अपनी अलग कटऑफ लिस्ट जारी करती है। ज्यादा कॉम्पटिशन वाले कॉलेजों में कटऑफ ज्यादा होती है, जैसे दिल्ली यूनिवर्सिटी, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी या जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी। वहीं, कई सेंट्रल और स्टेट यूनिवर्सिटी, प्राइवेट और ओपन यूनिवर्सिटी ऐसी भी हैं, जहां कम कटऑफ पर एडमिशन का मौका मिलता है। कई बार स्पॉट राउंड और मॉप-अप राउंड में सीट्स बच जाती हैं, जिन पर कम मार्क्स वालों को भी आसानी से प्रवेश मिल सकता है।
CUET UG Low Score Admission 2025
CUET UG में कम स्कोर वाले स्टूडेंट्स को निराश होने की जरूरत नहीं है। हर कटऑफ साल-दर-साल बदलती रहती है, क्योंकि इसका फैसला यूनिवर्सिटी करती हैं, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी नहीं। ओबीसी, ईडब्ल्यूएस, एससी, एसटी और पीडब्ल्यूडी कैटेगरी के छात्र कम कटऑफ में भी दाखिला पा सकते हैं। साल 2025 में कई ऐसे कॉलेज और यूनिवर्सिटी हैं, जहां 110-150 अंक पर भी प्रवेश मिल सकता है, खास तौर पर आरक्षित वर्ग के लिए।
कॉलेज एडमिशन के लिए कई विश्वविद्यालय तीन रेगुलर राउंड और फिर स्पॉट राउंड आयोजित करती हैं। खास बात यह है कि स्पॉट राउंड में सीटें खाली रहने पर कटऑफ काफी कम हो जाती है। इसका फायदा कम अंक वाले स्टूडेंट्स को मिलता है और उन्हें सरकारी या केंद्रीय विश्वविद्यालय में भी एडमिशन मिल जाता है। बीए, बीकॉम, बीएससी जैसे ज्यादातर कोर्सेज के लिए कम नंबर में भी एडमिशन की संभावना रहती है, बस कोर्स और कैटेगरी का ध्यान रखना होता है।
कई ऐसी यूनिवर्सिटी हैं, जैसे सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ हरियाणा, डॉ. श्याम प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी (रांची), क्लस्टर यूनिवर्सिटी जम्मू/श्रीनगर, जहां कटऑफ टॉप कॉलेजों के मुकाबले काफी कम रहती है। प्राइवेट विश्वविद्यालय और ओपन विश्वविद्यालय भी छात्रों को अपने यहां एडमिशन के काफी मौके देते हैं। वहां खुद की प्रवेश परीक्षा, मेरिट या डिप्लोमा कोर्सेस के ज़रिए भी एडमिशन मिल जाता है।
सरकार और यूनिवर्सिटी की ओर से मिलने वाली सुविधाएँ
सरकार और विश्वविद्यालय दोनों ही छात्रों के भले के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही हैं। सबसे बड़ी मदद रिजर्वेशन पॉलिसी के जरिए मिलती है, जिससे ओबीसी, एससी, एसटी, ईडब्ल्यूएस वर्ग के स्टूडेंट्स के लिए कटऑफ कम रहती है और उन्हें आसानी से एडमिशन मिल सकता है।
इसके अलावा, कई यूनिवर्सिटी स्पॉट राउंड और मॉप-अप राउंड भी आयोजित करती हैं। इन राउंड्स में खाली पड़ी सीटों को भरने के लिए कटऑफ काफी कम कर दी जाती है, जिसका लाभ कम स्कोर वालों को सीधा मिलता है। कई बार ये अंक 350-400 तक भी गिर जाते हैं, खास तौर पर बीए या अन्य नॉन-टेक्निकल कोर्सेज में। विश्वविद्यालय की बाकी फॉर्मेलिटी जैसे डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन, फीस पेमेंट इत्यादि पूरे करने के बाद दाखिला मिल जाता है।
सरकारी योजनाओं के तहत स्कॉलरशिप और फ्रीशिप भी कम स्कोर वाले छात्रों के लिए उपलब्ध हैं। इस तरह प्रवेश लेने के बाद छात्र आगे पढ़ाई में भी आर्थिक सहायता लेते रह सकते हैं।
एडमिशन प्रोसेस: कम स्कोर वालों को क्या करना चाहिए
अगर CUET UG 2025 में कम स्कोर है, तो सबसे पहले सभी संबंधित विश्वविद्यालयों की ऑफिशियल कटऑफ और एडमिशन नोटिस ध्यान से देखें। ज्यादा से ज्यादा विकल्प (Preferences) चुनें और हर राउंड को ध्यान से फॉलो करें।
- स्पॉट राउंड, मॉप-अप राउंड और कॉलेज की आधिकारिक वेबसाइट पर एडमिशन अपडेट हमेशा चेक करते रहें।
- अपनी कैटेगरी के हिसाब से कॉलेज और कोर्स का चुनाव करें।
- प्राइवेट और ओपन यूनिवर्सिटी का भी विकल्प खुला रखें।
- डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन, फीस पेमेंट और इनफार्मेशन अपडेट्स समय पर करें।
- किसी भी राउंड में सीट अलॉटमेंट होते ही तुरंत डाक्युमेंट के साथ रिपोर्ट करें और फी भरें।
निष्कर्ष
CUET UG 2025 में कम अंक आने का मतलब सफर खत्म होना नहीं है। धैर्य, सही जानकारी और रणनीति के साथ आप बहेतर यूनिवर्सिटी और कोर्स में दाखिला पा सकते हैं। स्पॉट राउंड, रिजर्वेशन और खुले विकल्पों का फायदा उठाएं—आपका भविष्य उज्ज्वल रहेगा।