Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana: 5 स्टेप्स में 1 बार करे आवेदन – छूट न जाए आपकी राशि

Published On: July 19, 2025
Pradhan mantri Matru Vandana Yojana

देश में महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य को मजबूत करने के लिए सरकार कई योजनाएं चलाती है, जिनमें प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) एक प्रमुख योजना है। इस योजना का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को पोषण और स्वास्थ्य संबंधी मदद देना है ताकि उनका और उनके बच्चों का स्वास्थ्य बेहतर रहे।

अरसे से ऐसी महिलाओं की आर्थिक तकलीफ को देखते हुए यह योजना लाई गई। खासकर वे महिलाएं, जो गरीब परिवार से हैं या जिन्हें गर्भावस्था के समय काम पर जाना मुश्किल हो जाता है, उनकी मजदूरी का कुछ हिस्सा सरकार द्वारा दिया जाता है। इससे वे सही पोषण और स्वास्थ्य जांच करा सकती हैं, जिससे मां और शिशु दोनों का विकास सुरक्षित रहता है।

Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) भारत सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही है। यह योजना देशभर की गर्भवती महिलाओं व स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए है। योजना के जरिए सरकार गर्भवती महिला को उसके पहले जीवित बच्चे के लिए तीन किश्तों में कुल 5000 रुपए नकद प्रोत्साहन राशि के रूप में देती है।

यह राशि महिला को गर्भावस्था के दौरान उसकी पोषण जरूरतों को पूरा करने और बच्चे की सही देखभाल के लिए दी जाती है। कुछ राज्यों में, यदि दूसरा बच्चा लड़की जन्म लेती है, तो भी 6000 रुपए का प्रोत्साहन दिया जाता है। योजना से सरकारी या सार्वजनिक उपक्रम की कर्मचारी महिलाएं लाभ नहीं ले सकतीं, क्योंकि उन्हें पहले से वेतन सहित मातृत्व अवकाश का लाभ मिलता है।

योजना का लाभ और उद्देश्य

PMMVY का प्रमुख उद्देश्य गर्भावस्था के समय होने वाले पोषण की कमी को दूर करना और मां के स्वास्थ्य की सुरक्षा करना है। योजना उन महिलाओं को मुख्य रूप से ध्यान में रखती है, जिनका यह पहला जीवित बच्चा है।

सरकार द्वारा दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में तीन किस्तों में ट्रांसफर होती है। यह राशि उनके बेहतर पोषण, आराम, और समय पर स्वास्थ्य जांच के लिए मददगार बनती है। इस स्कीम का सबसे अहम पहलू है कि यह DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए लागू होती है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है और राशि सही महिला तक पहुंचती है।

कितनी और कब मिलती है राशि

  • पहली किश्त 1000 रुपए: गर्भावस्था के पंजीकरण के समय मिलती है।
  • दूसरी किश्त 2000 रुपए: जब गर्भधारण के छह महीने बाद कम से कम एक बार प्रसव पूर्व जांच पूरी हो जाती है।
  • तीसरी किश्त 2000 रुपए: बच्चे के जन्म के बाद, जब बच्चे को पहले टीकाकरण का चक्र (BCG, OPV, DPT, हेपेटाइटिस-B) लगाया जाता है और जन्म का रजिस्ट्रेशन होता है।

यह राशि महिला के सक्रिय बैंक या डाकघर खाते में सीधे भेजी जाती है।

योजना में आवेदन कैसे करें

PMMVY का लाभ उठाने के लिए आंगनवाड़ी केंद्र या अनुमोदित स्वास्थ्य केंद्र में जाकर आवेदन करना होता है। इस प्रक्रिया में तीन अलग-अलग फॉर्म भरने होते हैं — फॉर्म 1A (पहली किस्त के लिए), फॉर्म 1B (दूसरी किस्त), फॉर्म 1C (तीसरी किस्त)।

आवेदन के लिए जरूरी कागजात:

  • जच्चा-बच्चा संरक्षण कार्ड या MCP कार्ड की प्रति
  • लाभार्थी और उसके पति का पहचान प्रमाण पत्र (आधार कार्ड, वोटर आईडी आदि)
  • लाभार्थी का बैंक या पोस्ट ऑफिस खाता विवरण

फॉर्म और सभी कागज सही-सही लगाकर संबंधित आंगनवाड़ी या स्वास्थ्य केंद्र में जमा करने होते हैं। सभी दस्तावेज और जानकारी सत्यापित होने के बाद किश्त की राशि लाभार्थी के खाते में डाल दी जाती है।

किन्हें मिलता है लाभ

यह योजना उन सभी माताओं के लिए है जो किसी सरकारी या पब्लिक सेक्टर में रोजगार में नहीं हैं और जिनका यह पहला जीवित बच्चा है। योजना का लाभ केवल उन्हीं महिलाओं को मिलेगा जो पात्रता शर्तों पर खरी उतरती हैं। विशेष परिस्थिति में, अगर दूसरा बच्चा लड़की है, तो भी लाभ संभव है।

योजना का महत्व

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना महिला और शिशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह गर्भवती महिलाओं को आर्थिक सहारा देकर उनके स्वास्थ्य व पोषण का ख्याल रखती है। साथ ही शिशु मृत्यु दर को कम करने और बच्चों के विकास को बेहतर करने में मदद करती है।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना से जुड़कर महिलाएं न केवल स्वास्थ्य लाभ पा सकती हैं, बल्कि आर्थिक रूप से भी थोड़ी राहत महसूस कर सकती हैं। सरकार के इस प्रयास से देश की माताएं और नवजात बच्चों का भविष्य कहीं अधिक सुरक्षित और स्वस्थ बन सकता है।

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