PAN Card Rule: 1 बड़ा बदलाव – पैन कार्ड वालों को जानना फटाफट

Published On: July 21, 2025
Pan card

पिछले कुछ वर्षों में भारत में टैक्स और फाइनेंशियल लेनदेन के लिए पैन कार्ड एक जरूरी डॉक्यूमेंट बन चुका है। हर छोटे-बड़े बैंकिंग, इन्वेस्टमेंट और सरकारी कामकाज में इसकी जरूरत पड़ती है। इसी वजह से सरकार समय-समय पर पैन कार्ड को लेकर नए नियम भी लाती रही है, ताकि सिस्टम पारदर्शी और सुरक्षित बना रहे।

हाल ही में केंद्र सरकार ने पैन कार्ड धारकों के लिए एक बड़ा बदलाव लागू कर दिया है। यह नियम हर पैन कार्ड धारक के लिए जानना इसलिए जरूरी है, क्योंकि इसका सीधा असर आपके पर्सनल फाइनेंस, टैक्स फाइलिंग और बैंकिंग सुविधाओं पर पड़ सकता है। कई लोग पुराने नियमों के मुताबिक चल रहे हैं, जबकि अब प्रक्रिया बदल चुकी है।

नए नियम के तहत अगर आपने अभी तक अपने पैन कार्ड को आधार से लिंक नहीं किया है, तो सावधान हो जाइए। सरकार द्वारा इस लिंकिंग के लिए समयसीमा तय कर दी गई है। अगर आप निर्धारित तिथि तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं करते हैं तो आपको जुर्माना देना पड़ सकता है और आपका पैन कार्ड निष्क्रिय भी हो सकता है।

PAN Card Rule

सरकार ने पैन कार्ड को आधार से लिंक करना अनिवार्य कर दिया है। अब नया पैन कार्ड बनवाने के लिए आधार नंबर देना जरूरी है। वहीं जिन लोगों के पास पहले से पैन कार्ड है और आधार कार्ड है, उन्हें दोनों को लिंक करना आवश्यक है। यह नियम 1 जुलाई 2025 से पूरे देश में लागू हो गया है।

नया नियम सभी नए और पुराने पैन धारकों पर लागू होता है। अगर आपके पास पैन कार्ड है लेकिन आधार से लिंक नहीं है, तो आपके पास 31 दिसंबर 2025 तक का समय है। इस समय सीमा के बाद अगर पैन और आधार लिंक नहीं हुए, तो पैन कार्ड निष्क्रिय यानी डीएक्टिवेट हो जाएगा और आपको 1,000 रुपए तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।

यह पूरी योजना केंद्र सरकार और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) द्वारा लागू की गई है। सरकार का उद्देश्य टैक्स चोरी पर रोक लगाना, फर्जी पैन कार्ड का इस्तेमाल रोकना और डिजिटल KYC को आसान एवं पारदर्शी बनाना है।

पैन कार्ड से जुड़ा यह नियम क्यों लाया गया?

सरकार को यह कदम इसलिए उठाना पड़ा क्योंकि बहुत सारे मामलों में टैक्स चोरी, फर्जी अकाउंट और अवैध लेनदेन सामने आ चुके थे। आधार कार्ड से पैन लिंक होने से हर व्यक्ति के पास सिर्फ एक ही वैध पैन रहेगा और किसी भी तरह की गड़बड़ी की संभावना खत्म हो जाएगी।

इसके अलावा, डिजिटल KYC यानी कस्टमर वेरिफिकेशन प्रक्रिया को मजबूत बनाना भी एक मुख्य कारण है। जैसे-जैसे बैंकिंग और फाइनेंस में डिजिटल बदलाव बढ़ रहे हैं, सरकार चाहती है कि हर व्यक्ति की आइडेंटिटी सत्यापित और सुरक्षित हो।

आधार से पैन कार्ड लिंक न करने के क्या नुकसान हो सकते हैं?

अगर आपने आधार से पैन लिंकिंग तय सीमा तक नहीं की, तो आपका पैन निष्क्रिय हो जाएगा। निष्क्रिय पैन के कारण न तो आप आयकर रिटर्न फाइल कर पाएंगे, न बैंकिंग, म्यूचुअल फंड, लोन, शेयर बाजार या अन्य वित्तीय लेनदेन कर पाएंगे। सरकारी स्कॉलरशिप, सब्सिडी और दूसरी योजनाओं का लाभ भी बंद हो सकता है।

इसके अलावा, यदि डिएक्टिवेट पैन का उपयोग किसी भी वित्तीय दस्तावेज के रूप में किया गया तो 10,000 रुपए तक की पेनल्टी लग सकती है। इसलिए सभी पैन धारकों को समय रहते यह प्रक्रिया पूरी करनी जरूरी है।

नया पैन कार्ड बनवाने या लिंकिंग करने की प्रक्रिया

  1. पैन कार्ड के लिए आवेदन या लिंकिंग इनकम टैक्स विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर की जा सकती है।
  2. नया पैन आवेदन करते समय आपको आधार नंबर देना अनिवार्य है।
  3. मोबाइल नंबर, जो आधार से लिंक हो, वह जरूरी है क्योंकि वेरिफिकेशन OTP के द्वारा ही होगा।
  4. वेबसाइट पर आधार, पैन और फोन नंबर दर्ज करते ही OTP आएगा और वेरीफाई करने के बाद ही आपका आवेदन आगे बढ़ेगा।
  5. सफल वेरिफिकेशन के बाद नया पैन कार्ड जारी किया जाएगा या पुराना पैन आधार से लिंक हो जाएगा।

पैन-आधार लिंकिंग की आखिरी तारीख को भूलें नहीं

सरकार ने सभी को अंतिम मौका देते हुए अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 तय की है। अगर आपने अब तक अपने पैन को आधार से लिंक नहीं किया है, तो जल्द से जल्द यह कार्य पूरा कर लें। क्योंकि जैसे ही तिथि निकल जाएगी, पैन निष्क्रिय हो सकता है और इससे आपके बैंकिंग सहित कई जरूरी काम रुक जाएंगे।

परिवर्तन और PAN 2.0 योजना

इनकम टैक्स विभाग द्वारा PAN 2.0 नाम की नई योजना भी शुरू की गई है, जिससे पैन से जुड़ी हर सर्विस डिजिटल और तेज हो जाएगी। इसमें सभी दस्तावेज जैसे नाम, मोबाइल नंबर, पता आदि भी ऑनलाइन अपडेट किए जा सकेंगे और प्रक्रिया पूरी तरह सुरक्षित और तेज हो जाएगी।

निष्कर्ष

सरकार का उद्देश्य टैक्स व्यवस्था को पारदर्शी और सुरक्षित बनाना है। अगर आपके पास पैन कार्ड है तो जल्द से जल्द उसे आधार से लिंक करें, ताकि भविष्य में कोई समस्या न हो। यह बदलाव सभी नागरिकों की पहचान सुरक्षित रखने और टैक्स सिस्टम को मजबूत करने के लिए जरूरी है। अपनी जिम्मेदारी समझकर निर्धारित समय में जरूरी प्रक्रिया पूरी करें, यही आपके हित में है।

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