UP Expressway Lauch: ₹8000 करोड़ से बना ये रास्ता, 4 जिलों को जोड़ेगा सीधा

Published On: July 25, 2025
UP Expressway Launch

उत्तर प्रदेश में विकास की रफ्तार अब और तेज होने जा रही है। राज्य सरकार लगातार इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर ध्यान दे रही है, जिससे लोगों को बेहतर सड़क सुविधा और कम समय में यात्राएं पूरी करने में मदद मिल सके। इसी दिशा में यूपी का नया सुपरफास्ट एक्सप्रेसवे चर्चा में है, जिसके शुरू होने से तीन घंटे का सफर अब सिर्फ 45 मिनट में पूरा किया जा सकेगा।

यह सड़क न सिर्फ प्रदेश के लोगों के लिए, बल्कि व्यापार और पर्यटन क्षेत्र के लिए भी नए अवसर लेकर आ रही है।अभी अक्सर यात्री लंबे ट्रैफिक जाम और खराब सड़कों की वजह से घंटों फंसे रहते थे, जिससे समय और ईंधन दोनों की बर्बादी होती थी। लेकिन नए एक्सप्रेसवे के उद्घाटन के साथ ही इस समस्या का स्थायी समाधान मिल जाएगा।

इससे आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी और लोगों को अपनी मंजिल तक पहुंचने में समय की पर्याप्त बचत होगी।

UP Expressway Lauch: New Infrastructure Update

उत्तर प्रदेश का यह सुपरफास्ट एक्सप्रेसवे आधुनिक तकनीक और सुरक्षा उपायों से लैस है, जिसका निर्माण मुख्य तौर पर केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के तहत किया गया है। इसका मकसद है प्रदेश के दो बड़े शहरों—लखनऊ और कानपुर—को तेज रफ्तार और सुगम यात्रा से जोड़ना। कुल 63 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे से पहले यह दूरी लगभग तीन घंटे में तय होती थी, लेकिन अब यह सफर 45 मिनट से भी कम में पूरा किया जा सकेगा।

इस प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की देखरेख में लगभग 4700 करोड़ रुपये में तैयार किया गया है। इसमें से करीब 85 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, और जून 2025 तक इसे पूरी तरह चालू करने का लक्ष्य है। यह एक्सप्रेसवे 18 किलोमीटर एलिवेटेड (ऊंचा) तथा 45 किलोमीटर ग्रीन फील्ड सड़क खंड में बना है, जिससे यात्रा में रुकावटें बेहद कम होंगी और गति बनी रहेगी।

इसकी खासियतें क्या हैं?

इस छह लेन (आगे आठ लेन बनाने की योजना) की सड़क में अत्याधुनिक ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम, सीसीटीवी सर्विलांस, आपातकालीन कॉल बूथ, और पर्यावरण अनुकूल डिजाइन को महत्व दिया गया है। पूरी सड़क पर बड़ी-बड़ी ब्रिज, अंडरपास और फ्लाईओवर का निर्माण हुआ है—जिसमें तीन बड़े ब्रिज, 28 छोटे ब्रिज, 38 अंडरपास, और छह फ्लाईओवर शामिल हैं।

यात्रियों की सुविधा के लिए कई रेस्ट एरिया, फूड कोर्ट, और सर्विस स्टेशन सड़क के किनारे बनाए गए हैं। इससे लंबी यात्रा के दौरान कोई भी यात्री आसानी से विश्राम कर सकता है या जरूरत की चीज़ें ले सकता है।

मार्ग और इससे जुड़े गाँव/शहर

लखनऊ-कानपुर के बीच यह एक्सप्रेसवे अलग-अलग इलाकों से होकर गुजरता है—इसमें लखनऊ के अमौसी, बानी, बनथरा, सिकंदरपुर, बेहसा, फर्रुखाबाद, चिल्लावां, गह्रु, गौरी, खंडदेव, मीरानपुर, पिनवट, नटखुर, और सराय शाहजरी जैसे गाँव शामिल हैं। इस सड़क के बनने से इन गाँवों और आस-पास के इलाकों का सीधे दोनों बड़े शहरों से जुड़ाव होगा, जिससे स्थानीय स्तर पर विकास और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।

कौन सी योजना और किसका योगदान?

यह प्रोजेक्ट भारत सरकार की भारतमाला योजना के तहत बनाया गया है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार दोनों का सहयोग है। मुख्य जिम्मेदारी राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की है, और निर्माण संबंधी काम निजी कंपनियों ने किया है। सरकार की ओर से विशेष ध्यान रखा गया है कि इस सड़क का निर्माण तय समय में, गुणवत्ता के उच्च मानक के साथ और पर्यावरण नियमों को ध्यान में रखते हुए हो।

इसके अलावा, स्थानीय लोगों के विकास के लिए नए व्यवसायिक अवसर भी उपलब्ध होंगे। एक्सप्रेसवे के कारण कंपनियों, टूर ऑपरेटर्स और होटल व्यवसायियों को भी नए मौके मिलेंगे। व्यापारियों के लिए सामान कम समय और लागत में पहुंच जाएगा, जिससे उनके मुनाफे में इजाफा होगा।

इस एक्सप्रेसवे के फायदे

  • सफर का समय 75% तक घट गया है—अब 3 घंटे की बजाय सिर्फ 45 मिनट में दूरी तय हो जाएगी।
  • ट्रैफिक जाम, रोड एक्सीडेंट और सफर की परेशानी अब बेहद कम हो जाएगी।
  • लोकल व्यापार, खेती और पर्यटन के विकास के लिए भी यह सड़क फायदेमंद होगी।
  • रोजगार के नए अवसर निर्माण कार्य और आगे मेंटेनेंस के जरिए मिले हैं।

निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश का नया सुपरफास्ट एक्सप्रेसवे, लखनऊ और कानपुर जैसे बड़े शहरों को जोड़कर न सिर्फ यात्रा को आसान बनाता है बल्कि प्रदेश के विकास को भी नई उड़ान देता है। इस अत्याधुनिक सड़क के शुरू होने से लाखों लोगों का सफर तेज, सुगम और सुरक्षित हो जाएगा, और राज्य में व्यापार तथा रोजगार के मौके तेजी से बढ़ेंगे।

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