आजकल यूट्यूब की दुनिया में एक जबरदस्त हलचल मची हुई है। 2025 में यूट्यूब की नई AI पॉलिसी की वजह से हजारों चैनल्स को खतरा होने की खबरें फैल रही हैं। खासकर उन यूट्यूबर्स के लिए बड़ी टेंशन है, जो अपने कंटेंट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर हर तरफ ये चर्चा है कि अचानक एक रात में सैकड़ों या हजारों चैनल डिलीट या डेमोनेटाइज हो सकते हैं। इस नई अपडेट के बाद यूट्यूब कम्युनिटी में डर और बेचैनी साफ देखी जा सकती है। बड़े-बड़े चैनलों को भी कम्युनिटी गाइडलाइन वार्निंग आने लगी है, चाहे उनपर लाखों, करोड़ों सब्सक्राइबर्स ही क्यों न हों।
अब हर छोटा-बड़ा क्रिएटर यही सोच रहा है कि कहीं उसकी सालों की मेहनत पर पानी न फिर जाए।
Is AI destroying YouTube Channels?
यूट्यूब ने पिछले कुछ सालों में अपने प्लेटफार्म पर AI Generated Content को लेकर काफी गंभीर नियम बनाए हैं। कई चैनल्स ने AI के ज़रिये वीडियो, वॉइसओवर, स्क्रिप्ट और यहां तक कि इमेज जनरेट करना शुरू कर दिया था। कई लोग तो केवल AI को कमांड देकर ऑटोमेटेड चैनल चला रहे थे – ना खुद वीडियो एडिटिंग, ना खुद स्क्रिप्ट लिखना और न खुद वॉइस ओवर।
इसी तरीके की वजह से YouTube Automation बहुत पॉपुलर हो गया, जिससे यूट्यूब को नुकसान होने लगा। ढेरों “faceless AI channels” तैयार हो गए, जिनमें न तो असली इंसान की आवाज होती थी, न चेहरा, और न रियलिटी। सिर्फ AI-बना हुआ वीडियो, जो हर दिन बिना रुके अपलोड होता रहता था।
यूट्यूब की नजर में ये सारी चीजें अब प्लेटफॉर्म की क्वालिटी और भरोसे पर असर डालने लगीं। इसलिए अब YouTube की AI Content Policy में बड़े बदलाव किए गए, खासकर 15 जुलाई 2025 के अपडेट के बाद। अब ऐसे चैनल जिनमें कंटेंट पूरी तरह AI से तैयार होता है, या जहां सिर्फ ऑटोमेशन है, उनको मॉनिटाइजेशन से बाहर किया जा सकता है या उनका चैनल डिलीट किया जा सकता है510।
नई पॉलिसी के मुख्य पॉइंट्स
– AI और ऑटोमेटेड चैनल: अगर कोई चैनल पूरी प्रक्रिया को ऑटोमेट करता है; जैसे स्क्रिप्ट, वीडियो, वॉइस ओवर आदि AI से बनवा कर डायरेक्ट चैनल पर अपलोड करता है, तो वह प्लेटफॉर्म की नई पॉलिसी के मुताबिक गाइडलाइन का उल्लंघन माना जाएगा।
– कम्युनिटी गाइडलाइंस: अब AI की मदद से संदिग्ध कीवर्ड, झूठी खबरें, डीपफेक, फेस- और वॉइस-क्लोनिंग जैसी चीजों को भी ज्यादा सख्ती से चेक किया जाएगा। अगर कोई वीडियो बनावटी कंटेंट दिखाता है और इसका खुलासा ठीक से नहीं करता, तो उसपर सीधा स्ट्राइक या बैन लग सकता है।
– डिस्क्लोजर और लेबलिंग: अगर वीडियो में AI टूल्स का इस्तेमाल किया गया है, तो मेकर्स को अब खुद बताना होगा कि वीडियो किस हद तक AI से बना या एडिट हुआ है। Shorts में ये डिस्क्रिप्शन बॉक्स में दिखेगा और सेंसिटिव टॉपिक की वीडियो पर और भी बड़ा वॉर्निंग लेबल ऊपर दिखेगा।
– रीमूवल का अधिकार: अब यूट्यूबर्स, आर्टिस्ट्स, और म्यूजिक लेबल्स को ये हक दिया गया है कि वे किसी भी वीडियो को हटाने का अनुरोध कर सकते हैं, जिसमें उनकी आवाज या चेहरा AI से बिना अनुमति के इस्तेमाल किया गया हो। इस पर निर्णायक टीम जांच कर के रखेगी कि कंटेंट पेरडी, खबर, आलोचना या निजी पहचान से जुड़ा है या नहीं।
– मानव समीक्षा टीम: यूट्यूब ने पूरी पॉलिसी के लिए 20,000 से ज्यादा एक्सपर्ट्स की टीम बनाई है, जो AI की रिपोर्ट पर चैनलों को मैन्युअली भी चेक कर रही है।
YouTube चैनल कैसे बचाएं – जरूरी बातें
- कभी भी वीडियो, ऑडियो या इमेज पूरी तरह AI से बनाकर ऑटोमेटेड तरीके से अपलोड न करें।
- अपनी वीडियो में अगर कोई पार्ट AI से जनरेट किया है, तो डिस्क्लोजर करें यानी उसकी जानकारी साफ-साफ दर्शकों को दें।
- ऐसा कोई कंटेंट न बनाएं जो किसी दूसरे की आवाज़, चेहरा या पर्सनल पहचान बिना इजाजत यूज करता हो।
- हमेशा यूट्यूब की कम्युनिटी गाइडलाइन्स और नई AI पॉलिसी को पढ़ते रहें।
- अगर आपको स्ट्राइक या वार्निंग मिलती है, तो जल्द से जल्द अपील करें और जरूरत पर वीडियो को डिलीट या एडिट करें।
- खुद का ओरिजिनल, क्रिएटिव और वैल्यू देने वाला ही कंटेंट बनाएँ ताकि ऑटोमेटेड सिस्टम की गलती से भी आपको नुकसान न हो।
सरकार या यूट्यूब की तरफ से फिलहाल कोई स्पेशल “सरकारी योजना” नहीं है जो चैनलों को बचाए, ये बदलाव खुद यूट्यूब द्वारा अपनी जिम्मेदारी और पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए किए जा रहे हैं। टार्गेट केवल प्लैटफार्म की क्वालिटी, फेक कंटेंट, और अकाउंटिबिलिटी रखना है।
निष्कर्ष
यूट्यूब की नई AI पॉलिसी के कारण हर क्रिएटर को सतर्क रहना जरूरी है। बिना जांच-पड़ताल के AI पर निर्भर न हों और कम्युनिटी गाइडलाइन्स का कड़क पालन करें, तभी आपका चैनल सुरक्षित रहेगा। लगातार बदलावों की जानकारी लेते रहें और जिम्मेदारी के साथ मूल और सच्चा कंटेंट ही बनाएं।