डेयरी फार्मिंग भारत में बहुत तेजी से बढ़ती हुई एक ऐसी खेती है, जिसमें दूध उत्पादन और उससे जुड़े उत्पादों पर फोकस होता है। ग्रामीण इलाकों में बहुत से किसान और छोटे पशुपालक आजीविका के लिए डेयरी फार्मिंग का सहारा लेते हैं। हालांकि, नए डेयरी फार्म खोलने या पुराने फार्म को बढ़ाने के लिए अच्छा खासा पूंजी निवेश जरूरी होता है, जो सबसे बड़ी चुनौती बन जाता है।
इसी दिक्कत का समाधान निकालने के लिए देश में कई सरकारी और बैंकिंग संस्थानों द्वारा डेयरी फार्मिंग लोन योजना शुरू की गई है। इस लोन की सबसे खास बात यह है कि इसमें ब्याज दर काफी कम रहती है और कई बार सरकार की ओर से सब्सिडी भी मिलती है। किसानों को कम्पनियों की मदद से ही नहीं, बल्कि गवर्नमेंट की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लाखों रुपये तक की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है।
सरकार का उद्देश्य किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार करना, ग्रामीण रोजगार बढ़ाना और पूरे देश में दूध उत्पादन को बेहतर बनाना है। इसी कारण पशुपालन से जुड़े लोगों के लिए डेयरी फार्मिंग लोन स्कीम चलाई जाती है, जिससे वे गाय-भैंस जैसे दुधारू पशुओं की संख्या बढ़ा सकें और दूध से जुड़े बिजनेस को आगे बढ़ा सकें।
Dairy Farming Loan Apply Online
डेयरी फार्मिंग लोन योजना के तहत गांवों और छोटे शहरों के लोगों को स्वरोजगार के लिए आर्थिक सहयोग मिलता है। इसमें मुख्य रूप से बैंक और सरकारी संस्थान, जैसे नाबार्ड, विभिन्न कमर्शियल बैंक (एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा आदि), NBFC और सहकारी बैंक शामिल हैं। योजना का उद्देश्य किसानों और पशुपालकों को सस्ते ब्याज पर लोन उपलब्ध कराना है ताकि वे दूध उत्पादन, डेयरी फार्म की स्थापना, पशुओं की खरीद, फार्म के उपकरण, दूध संग्रहण, शेड और फीडिंग व्यवस्था आदि कार्य कर सकें।
लोन की राशि प्रोजेक्ट के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है। छोटी डेयरी यूनिट्स के लिए बैंक 1 लाख से लेकर 10 लाख तक का लोन देते हैं, वहीं बड़ी या कमर्शियल डेयरी के लिए यह राशि 40 लाख या इससे अधिक भी हो सकती है। कई योजनाओं में कुल लागत का 25% से 70% तक सरकार सब्सिडी भी देती है, जिससे लोन की लागत और ईएमआई पर असर कम होता है। कुछ बैंकों, जैसे बैंक ऑफ इंडिया में दूधगंगा योजना, बिना किसी संपार्श्विक के 2 लाख रुपये तक का लोन देती है।
डेयरी फार्मिंग लोन योजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें लोन प्राप्त करने के बाद पशुपालक/किसान तरह-तरह के उद्देश्यों के लिए राशि खर्च कर सकता है। इसमें दुधारू पशु (गाय-भैंस) की खरीद, उनकी देखरेख, बेहतर नस्ल के पशु पालन, दूध संग्रहण यूनिट, कूलिंग मशीन, ऑटोमैटिक मिल्किंग मशीन, शेड निर्माण, फार्म के लिए उपकरण आदि शामिल हैं। नाबार्ड और अन्य बैंक फाइनेंस को जरूरत के हिसाब से मंजूर करते हैं।
लोन की भुगतान अवधि सामान्यत: तीन से सात साल के बीच होती है। कुछ योजनाएं मासिक और कुछ त्रैमासिक भुगतान का विकल्प देती हैं। लोन राशि की मंजूरी के लिए फार्म का प्रस्ताव, व्यवसाय योजना, मार्केटिंग प्लान, क्षेत्र का सर्वे एवं प्रोजेक्ट रिपोर्ट जरूरी होती है। बैंक वेरिफिकेशन के बाद दस्तावेज पूरे होने पर राशि खाते में आती है।
डेयरी फार्मिंग लोन के लिए पात्रता और जरूरी दस्तावेज
इस योजना का लाभ लेने के लिए सामान्य तौर पर व्यक्ति भारतीय नागरिक होना चाहिए, उसकी आयु 18 साल से अधिक हो। किसान, पशुपालक, स्वयं सहायता समूह, एसोसिएशन, निजी कंपनियां, सहकारी समिति या कोई भी व्यवसायी आवेदन कर सकता है। बैंकिंग इतिहास अच्छा होना चाहिए तथा प्रोजेक्ट रिपोर्ट सही तरीके से तैयार की जानी चाहिए।
लोन के लिए जरूरी कागजातों में आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, बैंक खाता स्टेटमेंट, भूमि या किराएदारी संबंधी दस्तावेज, व्यवसाय या डेयरी प्रोजेक्ट की जानकारी, निवास प्रमाण पत्र, मोबाइल नंबर आदि शामिल होते हैं।
डेयरी फार्मिंग लोन ऑनलाइन कैसे आवेदन करें?
आजकल डेयरी फार्मिंग लोन के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा भी मिलती है। लगभग सभी प्रमुख बैंकों और संस्थानों की वेबसाइट पर आवेदन फार्म उपलब्ध हैं। आवेदन के लिए निम्नलिखित आसान प्रक्रिया अपनाई जा सकती है:
- बैंक या संस्थान की वेबसाइट पर जाएं।
- आवेदन फार्म डाउनलोड या ऑनलाइन भरें।
- जरूरी दस्तावेज अपलोड करें।
- फॉर्म में अपने पशु, फार्म और प्रोजेक्ट की जानकारी सही भरें।
- सबमिट बटन पर क्लिक करें।
- आवेदन के बाद बैंक आपके दस्तावेज और प्रोजेक्ट रिपोर्ट का वेरिफिकेशन करेगी।
- मंजूरी मिलते ही राशि सीधे आपके खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी।
कुछ समय बाद बैंक की टीम आपकी साइट विजिट भी कर सकती है और फाइनल अप्रूवल देती है। डिजिटली आवेदन करने से प्रक्रिया पारदर्शी और आसान हो गई है।
योजना से लाभ और विशेष बातें
डेयरी फार्मिंग लोन से लोग खुद का रोजगार शुरू कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत कर सकते हैं। गांवों में दूध उत्पादन के साथ-साथ युवाओं को अच्छी कमाई का मौका मिलता है। सरकार सब्सिडी भी देती है, जिससे ईएमआई कम और चुकौती आसान हो जाती है।
यह योजना किसानों, महिला समूहों, पशुपालकों, स्टार्टअप्स और नवाचार करने वालों के लिए बहुत लाभकारी है। समय-समय पर राज्य और केंद्र सरकारें नई सुविधाएं भी जोड़ती रहती हैं, जिससे आम आदमी भी डेयरी व्यापार से जुड़ सके।
निष्कर्ष
डेयरी फार्मिंग लोन योजना ग्रामीण विकास और स्वरोजगार की दिशा में बड़ा कदम है। इसका लाभ उठाकर किसान और पशुपालक अपने सपनों का डेयरी बिजनेस शुरू कर सकते हैं और परिवार की आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं। सरल प्रक्रिया और सब्सिडी से यह योजना बेहद लाभकारी साबित होती है।