हरियाणा सरकार ने समाज के आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों के विवाह में मदद के लिए ‘मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना’ शुरू की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब, विधवा, तलाकशुदा, बेसहारा महिलाओं, अनाथ बच्चियों, खिलाड़ियों और दिव्यांगजन की बेटियों के विवाह के लिए आर्थिक सहायता देना है। इससे न केवल बेटियों का सम्मान बढ़ता है, बल्कि उनके परिवारों पर विवाह के खर्च का बोझ भी कम होता है।
यह योजना राज्य की सामाजिक न्याय और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार चाहती है कि हर बेटी को सम्मान के साथ विवाह का अधिकार मिले और उसके परिवार की आर्थिक स्थिति उसकी खुशियों में बाधा न बने। योजना का लाभ लेने के लिए पात्र परिवारों को कुछ जरूरी शर्तें पूरी करनी होती हैं, जिससे सहायता सही लोगों तक पहुंचे।
मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत दी जाने वाली राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है। इससे पारदर्शिता बनी रहती है और लाभार्थी को समय पर सहायता मिलती है। योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया को अपनाया गया है, जिससे आवेदन करना और ट्रैक करना आसान हो गया है।
What is Mukhyamantri Vivah Shagun Yojana?
मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना हरियाणा सरकार की एक वित्तीय सहायता योजना है, जिसका मकसद गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह में आर्थिक मदद देना है। इस योजना के तहत अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, विधवा, तलाकशुदा, बेसहारा महिला, अनाथ बच्चियां, खिलाड़ी, दिव्यांगजन और अन्य पात्र वर्गों को विवाह के समय ‘शगुन’ के रूप में राशि दी जाती है।
योजना के तहत दी जाने वाली सहायता राशि परिवार की श्रेणी और वार्षिक आय के अनुसार अलग-अलग है। उदाहरण के लिए, अनुसूचित जाति या विमुक्त जाति के बीपीएल परिवार को 71,000 रुपये, विधवा/तलाकशुदा/बेसहारा महिला या अनाथ बच्ची को 51,000 रुपये, सामान्य या पिछड़े वर्ग के बीपीएल परिवार को 31,000 रुपये, खिलाड़ियों को 31,000 रुपये, और दिव्यांगजन को 31,000 से 51,000 रुपये तक की सहायता मिलती है।
योजना का मुख्य उद्देश्य बेटियों को सम्मान देना, उनके विवाह को आसान बनाना और समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच को बढ़ावा देना है। सरकार चाहती है कि कोई भी बेटी सिर्फ पैसों की कमी के कारण अपने विवाह के सपनों से वंचित न रहे।
पात्रता और जरूरी शर्तें
इस योजना का लाभ केवल हरियाणा के स्थायी निवासी ही ले सकते हैं। लड़की की उम्र विवाह के समय 18 वर्ष या उससे अधिक और लड़के की उम्र 21 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। परिवार की वार्षिक आय अधिकतम 1,80,000 रुपये तक होनी चाहिए। साथ ही, यह सहायता केवल दो बेटियों तक ही सीमित है।
लाभार्थी को विवाह के 6 महीने के भीतर आवेदन करना अनिवार्य है। आवेदन में विवाह पंजीकरण प्रमाणपत्र, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, बैंक पासबुक, जन्म प्रमाण पत्र आदि दस्तावेज़ लगाना जरूरी है।
आवेदन प्रक्रिया
मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है। इसके लिए लाभार्थी को हरियाणा सरकार के पोर्टल पर जाकर पंजीकरण करना होता है।
- सबसे पहले पोर्टल पर रजिस्टर करें।
- लॉगिन करके ‘मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना’ के लिए आवेदन फॉर्म भरें।
- सभी जरूरी दस्तावेज़ अपलोड करें।
- जानकारी सही भरने के बाद फॉर्म सबमिट करें।
- आवेदन की स्थिति पोर्टल पर ट्रैक भी की जा सकती है।
आवेदन की जांच संबंधित विभाग द्वारा की जाती है और पात्र पाए जाने पर सहायता राशि सीधा बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है। यदि आवेदन विवाह के 6 महीने बाद किया गया तो उसे स्वीकार नहीं किया जाएगा
योजना के लाभ और उद्देश्य
इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह में आर्थिक समस्या नहीं आती। इससे बेटियों की शिक्षा और सम्मान को बढ़ावा मिलता है। सरकार की यह कोशिश है कि समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच बने और कोई भी बेटी पैसों के कारण अपने सपनों से समझौता न करे।
योजना से समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने में मदद मिलती है। साथ ही, बेटियों के विवाह में पारदर्शिता और समय पर सहायता मिलती है, जिससे परिवारों का भरोसा भी बढ़ता है।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना हरियाणा सरकार की एक सराहनीय पहल है, जो बेटियों के सम्मान और परिवारों की आर्थिक मदद के लिए बनाई गई है। इस योजना से हजारों परिवारों को राहत मिल रही है और बेटियों को समाज में नई पहचान मिल रही है।