Old Vehicle Ban Alert: दिल्ली के बाद इन 8 राज्यों में लागू होगा नया नियम – तुरंत जानें डिटेल्स

Published On: July 23, 2025
Old Vehicle Ban

भारत में वायु प्रदूषण और पर्यावरण की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए सरकार ने पुराने वाहनों के खिलाफ सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। पहले सिर्फ दिल्ली में ही पुरानी कार और मोटरसाइकिल पर पाबंदी थी, लेकिन अब यह नियम देश के कई राज्यों में लागू किया जा रहा है। पुराने वाहनों से निकलने वाला धुआं और गैसें हवा को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं, इसलिए यह जरूरी हो गया था कि ऐसे वाहन सड़कों से हटाए जाएं।

दिल्ली जैसे बड़े शहरों में प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी देखकर सरकार ने अलग-अलग योजनाएं बनाईं। धीरे-धीरे, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भी पुराने वाहनों के खिलाफ नए नियम लागू किए जा रहे हैं। इससे लाखों लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पर असर पड़ेगा, क्योंकि अभी भी देश में कई सालों से चल रहे वाहन सड़कों पर हैं।

नए नियम लागू होने के बाद वाहन मालिकों को अपने पुराने वाहनों को फिटनेस टेस्ट के लिए ले जाना पड़ेगा। यदि वाहन फिटनेस टेस्ट में फेल हो जाता है या तय सीमा से ज्यादा पुराना है, तो उसे स्क्रैप यानी कबाड़ में भेजना अनिवार्य होगा। इन कदमों से सरकार का मकसद साफ है—हवा को साफ बनाना और लोगों को स्वच्छ वातावरण देना।

Old Vehicles Ban: Full Information

पुराने वाहनों पर बैन की शुरुआत सबसे पहले दिल्ली और उसके आस-पास के एनसीआर (NCR) क्षेत्र में 2014-2015 में हुई थी। दिल्ली में नियम है कि 10 साल से पुराने डीजल वाहन और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहन सड़कों पर नहीं चल सकते। इसके अलावा, अब कई और राज्यों ने भी इसी तरह के नियम लागू करने की शुरुआत कर दी है।

मध्य प्रदेश में जल्द ही पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों को चलाने पर बैन लगाने की तैयारी चल रही है। मुंबई (महाराष्ट्र) में भी इसी तरह का प्रस्ताव विचाराधीन है, जिसमें केवल सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहन ही चलने दिए जाएंगे। नए नियम लागू होने पर, राज्य सरकारें पुराने वाहनों को न पंजीकृत करेंगी और उन्हें फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं दिया जाएगा। अगर कोई इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।

तेलंगाना में 15 साल से पुराने वाहनों को नए फिटनेस टेस्ट से गुजरना पड़ रहा है। यदि वाहन टेस्ट में फेल होता है, तो उसका पंजीकरण रद्द कर दिया जाता है। ऐसी स्थिति में वाहन को स्क्रैपिंग सेंटर पर भेजना जरूरी है। अगर वाहन पास हो जाता है, तो अगले 3-5 साल के लिए चलता रह सकता है, लेकिन इसके लिए ग्रीन टैक्स देना पड़ता है।

इस बैन का मकसद और सरकारी योजनाओं का लाभ

सरकार का मकसद सिर्फ वाहनों को हटाना नहीं, बल्कि पर्यावरण को सुधारना है। पुराने वाहन न केवल ज्यादा प्रदूषण करते हैं, बल्कि तेल की खपत भी ज्यादा करते हैं। इन वाहनों में सुरक्षा मानकों की भी कमी होती है। इन्हीं वजहों से सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं।

ओल्ड व्हीकल बैन नीति के तहत सरकार कुछ राज्यों में स्क्रैपिंग पॉलिसी लेकर आई है। इसके तहत, वाहन मालिक अपने पुराने वाहन को सरकारी अनुमति प्राप्त स्क्रैपिंग सेंटर में जमा कर सकते हैं। कई राज्यों में नया वाहन खरीदने के लिए पुराने वाहन की स्क्रैपिंग पर रोड टैक्स या मोटर व्हीकल टैक्स में 10-15% की छूट मिल सकती है। इससे लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वे पुराने वाहन हटाएं और नए, कम प्रदूषण वाले वाहन अपनाएं।

किसे ध्यान रखना चाहिए: आवेदन प्रक्रिया

अगर आपके पास 15-20 साल से पुराना डीजल या पेट्रोल वाहन है, तो आपको उसे चलाने से पहले अवश्य चेक करना चाहिए कि आपके राज्य में इस तरह का बैन लागू है या नहीं।

  • सबसे पहले, वाहन का फिटनेस सर्टिफिकेट चेक करें।
  • यदि राज्य में बैन लागू है और वाहन तय उम्र से ज्यादा पुराना है, तो उसे स्क्रैपिंग के लिए अधिकृत सेंटर में ले जाएं।
  • वाहन स्क्रैपिंग के बाद, मिले हुए सर्टिफिकेट को नए वाहन खरीदते समय दिखाने पर आपको कुछ टैक्स छूट मिल सकती है।
  • ध्यान रखें, नियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना, वाहनों की जब्ती और अन्य कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

नये कानूनों में क्या बदलाव?

हाल ही में सरकार ने पुराने वाहनों को रोकने के लिए ईंधन बेचने पर भी रोक लगा दी थी। अब दिल्ली सहित एनसीआर के कई जिलों—जैसे गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा, गाजियाबाद और सोनीपत—में 10 साल पुराने डीजल या 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को पेट्रोल पंप पर ईंधन नहीं मिलेगा। पुलिस और ट्रैफिक विभाग को हिदायत दी गई है कि ऐसे वाहनों को सड़क से हटाया जाए या उनका चालान काटा जाए।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर कैमरे के जरिए पेट्रोल पंप पर वाहन की उम्र अपने आप पता चल जाएगी। अगर कोई नियम तोड़ता है तो 2-व्हीलर पर 5,000रु., 4-व्हीलर पर 10,000रु. तक का जुर्माना लग सकता है। इस तकनीक से सरकार को नियम का पालन करवाने में और आसानी होगी।

निष्कर्ष

अब पुराने वाहनों की सवारी करना आसान नहीं रहेगा। सरकार ने पर्यावरण की रक्षा के लिए देश के कई राज्यों में पुराने वाहन चलाने पर रोक लगा दी है। अगर आपके पास पुराना वाहन है तो उसे स्क्रैपिंग पॉलिसी के तहत सही तरीके से हटवाएं और नए नियमों का पालन करें। देश की हवा साफ रहे, यही सबका उद्देश्य है।

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