Positive Pay System 2025: ₹50,000 से ऊपर के चेक पर नया नियम लागू

Published On: July 24, 2025
Positive pay system

आज के समय में बैंकिंग के क्षेत्र में धोखाधड़ी को रोकने के लिए नई-नई तकनीकें और नियम बनाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 1 जनवरी 2021 से एक खास व्यवस्था लागू की है, जिसे पॉजिटिव पे सिस्टम (Positive Pay System या PPS) कहा जाता है। यह व्यवस्था खास तौर पर उन चेकों के लिए है जिनकी राशि ₹50,000 या उससे ज्यादा होती है। इस सिस्टम का मकसद चेक धोखाधड़ी को कम करना और ग्राहकों की सुरक्षा बढ़ाना है। आज हम इस लेख में पॉजिटिव पे सिस्टम के बारे में विस्तार से जानेंगे।

Positive Pay System

पॉजिटिव पे सिस्टम एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक विधि है जिसमें चेक जारी करने वाला व्यक्ति (drawer) बैंक को चेक की महत्वपूर्ण जानकारी पहले से देता है। ये जानकारी चेक नंबर, तारीख, राशि, पेयी (जिसे चेक दिया जा रहा है) का नाम, खाता नंबर आदि होती है। जब यह चेक बैंक में क्लीयरिंग के लिए जमा होता है, तब बैंक इस जानकारी को चेक में लिखी गई जानकारी के साथ मिलाकर जांच करता है। अगर सारी जानकारी मेल खाती है, तभी बैंक पेमेंट को मंजूरी देता है। अगर कोई भिन्नता या गलती मिलती है, तो बैंक चेक को रोक देता है और धोखाधड़ी से बचाता है।

इस प्रक्रिया का फायदा ये होता है कि कोई भी नकली या छेड़छाड़ किया हुआ चेक आसानी से पकड़ में आ जाता है। इससे बैंक और ग्राहक दोनों का पैसा सुरक्षित रहता है और धोखाधड़ी से होने वाले नुकसान की संभावना काफी घट जाती है।

पॉजिटिव पे सिस्टम क्यों लागू किया गया?

भारतीय बैंकिंग प्रणाली में चेक धोखाधड़ी एक बड़ी समस्या रही है, खासकर जब बड़ी रकम के लेन-देन होते हैं। अक्सर नकली या ग़लत चेक बनाए जाते हैं, जिनसे बैंक और ग्राहक दोनों को नुकसान उठाना पड़ता है। RBI ने इस तरह की धोखाधड़ी को रोकने के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम की शुरुआत की, ताकि चेक भुगतान को अधिक सुरक्षित बनाया जा सके।

₹50,000 से अधिक के चेक को इस सिस्टम के तहत क्लीयर करने के लिए चेक जारी करने वाले को बैंक को चेक की सभी जरूरी जानकारी पहले से जमा करनी होती है। इस कदम से चेक के ग़ैरक़ानूनी उपयोग को रोकने में मदद मिलती है। इससे बैंकिंग प्रणाली में विश्वास बढ़ता है और वित्तीय सुरक्षा मजबूत होती है।

पॉजिटिव पे सिस्टम के तहत क्या करना होता है?

जब भी आप ₹50,000 या उससे अधिक के चेक जारी करते हैं, तब आपको अपने बैंक को उस चेक की पूरी जानकारी देनी होती है। यह जानकारी आप अपने मोबाइल ऐप, नेट बैंकिंग, एसएमएस, एटीएम या सीधे बैंक शाखा में जाकर भी दे सकते हैं। इस जानकारी में मुख्य रूप से निम्नलिखित बिंदु शामिल होते हैं:

  • खाता संख्या
  • चेक संख्या
  • चेक की तारीख
  • चेक राशि
  • पेयी का नाम
  • MICR कोड (माइक्रोफीचर रिसर्च कोड)

यह जानकारी बैंक के पास इलेक्ट्रॉनिक रूप में जमा होती है। जब चेक क्लीयरिंग के लिए प्रस्तुत किया जाता है, तब बैंक इसे जमा किए गए विवरणों के साथ क्रॉस-चेक करता है।

अगर सब कुछ सही होता है, तो चेक की भुगतान प्रक्रिया आगे बढ़ती है। कोई भी गड़बड़ी होने पर बैंक चेक को रोक देता है और आपको सूचित करता है।

बैंकिंग और सरकार की भूमिका

RBI ने इस सुरक्षा उपाय को देश भर के सभी बैंकों के लिए अनिवार्य कर दिया है। कुछ बैंक, जैसे SBI, HDFC बैंक, पंजाब नेशनल बैंक आदि, ने इसे अपने ग्राहकों के लिए लागू कर दिया है। केंद्र सरकार और RBI का उद्देश्य है कि इस तरह के fraud को अधिक से अधिक कम किया जाए और बैंकिंग प्रणाली को भरोसेमंद बनाया जाए।

यह सिस्टम ग्राहक के लिए पूरी तरह से सुरक्षित और सुविधाजनक है। पैसा खर्च करते समय धोखाधड़ी का खतर कम होता है और बैंक भी बेहतर तरीके से चेक क्लीयरिंग प्रक्रिया को नियंत्रित कर सकता है।

पॉजिटिव पे सिस्टम के फायदे

इस सिस्टम से चेक धोखाधड़ी पर काफी हद तक रोक लगती है। यह सिस्टम उपयोग करने वालों को धोखाधड़ी के मामलों में जल्दी से जानकारी देता है। इसके अलावा, चेक साफ्टवेयर प्रणाली से चेक क्लीयरिंग का समय भी कम हो जाता है। ग्राहक को भुगतान संबंधी शांति मिलती है और बैंकिंग लेन-देन अधिक सुरक्षित होता है।

ध्यान देने वाली बात यह है कि ₹50,000 से नीचे के चेकों पर यह सिस्टम अभी अनिवार्य नहीं है, लेकिन बड़ी रकम के लिए यह सलाह दी जाती है। ₹5 लाख और उससे ज्यादा के चेक के लिए यह सलाह या नियम अधिक कड़े हो सकते हैं। बैंक द्वारा पॉजिटिव पे की जानकारी और प्रक्रिया ग्राहकों को दी जाती है जिससे वे इसका सही उपयोग कर सकें।

निष्कर्ष

पॉजिटिव पे सिस्टम ₹50,000 या उससे ज्यादा के चेक के मामलों में धोखाधड़ी रोकने के लिए एक बहुत ही जरूरी और उपयोगी तरीका है। यह न केवल बैंक को मजबूत बनाता है बल्कि ग्राहकों के पैसे की सुरक्षा भी सुनिश्चित करता है। इस प्रणाली को अपनाकर हम अपने वित्तीय लेन-देन को अधिक सुरक्षित और भरोसेमंद बना सकते हैं। इसलिए, अगर आप बड़े चेक जारी करते हैं तो पॉजिटिव पे सिस्टम का उपयोग अवश्य करें। यह आपकी सुरक्षा में सहायक होगा।

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